A Review Of Shiv chaisa
A Review Of Shiv chaisa
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व more info अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
अंग गौर shiv chalisa in hindi शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
It's thought that frequent chanting of Shiva Chalisa with utmost devotion has the ability to get rid of every one of the hurdles and challenges from one particular’s lifetime.